जहां एक तरफ दिल्ली के तमाम नाकों पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों को धरना देते हुए 19 दिन हो चुके हैं और केंद्र सरकार से छह दौर की हुई बातचीत का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. वहीं दूसरी और गोभी की कीमत गिरने पर लुधियाना के एक गांव के किसान ने अपनी 4 एकड़ की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया।
दरअसल लुधियाना के गांव इकोलाही के किसान गुरप्रीत सिंह ने मजबूरी में आकर यह कदम उठाया उनका कहना है कि- ‘बाजार में गोभी इस समय एक रुपये किलो के भाव से बिक रही है। ऐसी स्थिति में गोभी को खेत से निकालने का खर्चा भी पूरा होने वाला नहीं है। इसीलिए खेत में ट्रैक्टर चला रहे हैं जिससे उसे हटाकर अगली फसल की तैयारी की जा सके।
सब्जी मंडी में पिछले 10 दिनों से एक रुपये प्रति किलो बिक राजा गोभी
गुरप्रीत ने यह भी कहा- फसल पर ट्रैक्टर चलाने का फैसला लेना एक किसान के लिए बहुत मुश्किल काम होता है। किसान गुरप्रीत सिंह और कुलदीप सिंह ने बताया कि उनके इलाके के अधिकतर किसान सब्जी की खेती करते हैं। ऋतु के अनुकूल सब्जियों का भाव सही न मिलने के कारण किसानों को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।
उन्होंने अपने खेतों में गोभी की फसल तैयार करने के लिए बिजाई की थी। परंतु अब जब गोभी की फसल बनकर तैयार हुई तो गोभी का भाव जमीन पर आ गिरा है। सब्जी मंडी में लगातार 10 दिनों से एक रुपये प्रति किलो गोभी बिक रही है। इससे ज्यादा तो फसल को खेतों में से निकाल कर मंडी तक ले जाने का ही खर्च आ जाता है।
किसान गुरप्रीत सिंह ने यह भी कहा कि फसल तैयार करने के लिए प्रति एकड़ करीब 20 हजार रुपये का खर्च आ गया है, जबकि कमाई नहीं के बराबर हो रही है। किसानों को इन्हीं कारणों के चलते आर्थिक मार का सामना करना पड़ता है।
क्योंकि फसल खड़ी होने के बाद सरकार किसानों की मदद नहीं करती। फसल मंडियों में आती है, तो भाव गिर जाता है और बाद में वही फसल महंगे दामों में आम लोगों को मिलती है।
उन्होंने मांग की कि किसानों का जो नुकसान हो रहा है। उसका मुआवजा दिया जाए। शुक्रवार को लुधियाना की होलसेल मंडी में गोभी दो से तीन रुपये प्रति किलो के भाव में सब्जी मंडी में बिकी। जो कि किसानों के लिए एक बड़ी समस्या थी।