हम लोग जब भी असम डिटेंशन सेंटर के बारे में बात करते हैं, तो एकदम से मन में कई सवाल घूम जाते हैं. और मन में एक अनजाना भय व्याप्त हो जाता है. इसकी एक वजह ये भी है कि अभी तक वहां के लोगों की ज़िन्दगी के बारे में ठीक से सही-सही पता किसी को नहीं है. अभी तक किसी को ये भी जानकारी नहीं है कि असम के डिटेंशन सेंटर में कुल कितने लोग हैं.
असम डिटेंशन सेंटर में रहने वाले उन लोगों की स्थिति कैसी है? आपको बता दें दोस्तों की नागरिकता संशोधन एक्ट और रजिस्टर फॉर सिटीजन को लेकर देश भर में इसके विरोध में काफी प्रदर्शन भी हो रहे हैं। देश के अल्पसंख्यक समुदाय में एक तरह से डर का माहौल है।
असम डिटेंशन सेंटर के बारे में अभी तक सही जानकारियाँ बाहर नहीं
उन्हें लगता है कि इस नए बदले हुए नागरिकता संशोधन एक्ट की वजह से। उनकी नागरिकता छीनी जा सकती है या फिर वह विदेशी करार घोषित किए जा सकते हैं, और अपने ही देश में वह दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह जाएंगे।
इसी के चलते देशभर के कई शहरों में। इसको लेकर व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं. और यह प्रदर्शन पिछले 2 महीनों से लगातार जारी हैं। इतना ही नहीं देश में कई जगह प्रदर्शन 24 घंटे हो रहे हैं, जिसमें भाग लेने वाली अधिकतर महिलाएं हैं.
वह रात रात भर जाग कर इन विरोध प्रदर्शनों के ज़रिये, सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश में लगी हुई हैं। कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून में या तो बदलाव करें या फिर उसको वापस ले।
सोशल मीडिया पर जब भी लोग डिटेंशन सेंटर के बारे में। सुनते हैं तो लोगों की रूह कांप जाती है। इसी के चलते लोगों ने इस नए बदले कानून का विरोध करके सरकार से इसको वापिस लेने की मांग राखी है.
नागरिकता संशोधन कानून और अमित शाह का मत
इधर खबरों के अनुसार अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून पर 3 दिन का समय दिया है, और कहा है कि मुझसे अगर कोई भी बात करना चाहे, तो वह इस नए नागरिकता संशोधन एक्ट पर बात कर सकता है।
हाल ही में दिल्ली के चुनाव में भाजपा ने, नागरिकता संशोधन के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही इन शाहीन बाग़ की महिलाओं पर भी तंज कसे, उनको भी खरी-खोटी सुनाई थी. जिसमें कई चुनावी नारे भी शामिल थे. इसकी वजह से भाजपा को दिल्ली में करारी हार का सामना करना पड़ा.
अदालत ने डिटेंशन सेंटर में रह रहे लोगों की स्थिति जाननी चाही
अभी हाल ही में खबर है कि असम एनआरसी के मामले को सुनते हुए, शुक्रवार के दिन अदालत ने सरकार से असम डिटेंशन सेंटर में रह रहे लोगों की स्थिति जानी है. और उनकी सही-सही जानकारी देने को कहा गया है।
डिटेंशन सेंटर में रह रहे लोगों की संख्या कितनी है और उनके रेहान-सहन के बारे में पूछा गया है। इसके अलावा एक और बड़ी बात, अदालत की ओर से एक बात और कही गयी है.
पिछले 3 साल से डिटेंशन सेंटर में रह रहे लोगों को 1 लाख से अधिक की जमानत राशि देने पर जमानत मिल सकती है। इसके अलावा संबंधित व्यक्ति को हफ्ते में एक दिन स्थानीय पुलिस के सामने पेशी देनी होगी.