नई दिल्ली, जब देश मोदी के नेतृत्व में विजय और विकास का नया सरगम रच रहा है तो उसी समय भाजपा ने देश में कुछ राजनीतिक दलों की ओर से मुस्लिम-दलित गठजोड़ की कोशिशों पर तीखा हमला बोला है। दलितों को बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मुसलमानों के बारे में राय समझने की अपील की है।
दरअसल, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने डॉ. आंबेडकर की पुस्तक पाकिस्तान एंड द पार्टीशन ऑफ इंडिया के कुछ अंशों का हवाला देते हुए जय भीम-जय मीम के नारों से दलितों को सावधान रहने को कहा है।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, की ओवैसी जैसे मौकापरस्त मुसलमान नेता जय भीम, जय मीम के नारे का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक दुकान चलाने के लिए करते हैं। मगर बाबासाहेब आंबेडकर ने इस मुस्लिम भाईचारे के संदर्भ में क्या कहा, ये दलित समाज को समझना होगा।
वही इस ट्वीट में अमित मालवीय ने आगे कहा की डॉ. आंबेडकर की किताब का कथित अंश पेश किया, जिसमें कहा गया है, मुस्लिम भाईचारा एक बंद निकाय की तरह है, जो मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच भेद करता है। यह बिलकुल मूर्त और स्पष्ट है।
ओवैसी जैसे मौका परस्त मुसलमान नेता ‘जय भीम, जय मीम’ के नारे का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक दुकान चलाने के लिए करते हैं, मगर बाबा साहेब अम्बेडकर ने इस ‘मुस्लिम भाईचारे’ के संदर्भ में क्या कहा, ये दलित समाज को समझना होगा… pic.twitter.com/YJCYKdtZD1
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 19, 2020
इस्लाम का भाईचारा मानवता का भ्रातृत्व नहीं है, मुसलमानों का मुसलमानों से ही भाईचारा है। यह बंधुत्व है, परंतु इसका लाभ अपने ही समुदाय के लोगों तक सीमित है और जो इस समुदाय से बाहर हैं, उनके लिए इसमें सिर्फ घृणा और शत्रुता ही है।
उन्होंने कहा, जब भी मैं शाहीनबाग को देखता हूं, जहां सीएए के खिलााफ राजनीतिक विरोध को सही ठहराने के लिए लोग आंबेडकर की तस्वीर लिए रहते हैं, तब मुझे याद दिलाया जाता है कि मुसलमानों के बारे में उनकी क्या राय थी। हमें सामूहिक रूप से इन अवसरवादियों का विरोध करते हुए बाबासाहेब की विरासत को बचाना चाहिए।