सीएए (CAA) यानी ‘सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट’ साधारण भाषा में बात करें तो नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देशभर में खूब विरोध हुआ था . देशभर में घुसपैठियों का मामला लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है जिसकी वजह से सबसे पहले असम में एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप लाया गया था जिसके बाद भी भारी विरोध देखने को मिला था।
एनआरसी की वजह से काफी लोगों को अपनी नागरिकता जाने का खतरा था जो कि असल में भारत के ही नागरिक थे ऐसे में सरकार सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट 2019 लेकर आई.नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए सिख ,ईसाई ,हिंदू ,पारसी ,क्रिश्चियन, जैन समुदायों के लोग भारत की नागरिकता ले सकते हैं।
कोरोना महामा’री की वजह से नहीं बन पाए नियम:-
आपको बता दें कि पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता लेने के लिए यहां 11 साल रहना पड़ता था लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम ने इस रास्ते को आसान बनाया है।
हालांकि इस पर भी देशभर में भारी विरोध हुआ था लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह आंदोलन बीच में ही खत्म हो गया लेकिन अब गृह मंत्री अमित शाह ने इसके जल्द लाघू होने की घोषणा की है।
दरअसल कोरोना महामारी की वजह से ना सिर्फ नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में चल रहा आंदोलन खत्म हुआ बल्कि इसके लाघू होने में भी देरी हुई. कल गृह मंत्री अमित शाह बंगाल में रोड शो कर रहे थे और उसी दौरान जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे पूछा गया कि सीएए(CAA) कब लागू होगा . इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से सीएए के नियम बनने में देरी हुई है। ऐसे काम करना महामारी के बीच नहीं किए जा सकते।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महामारी के बीच ऐसे काम नहीं किए जा सकते। देश भर में टीकाकरण हो जाएगा और कोरोना का साइकिल ठीक हो जाएगा तो इस कानून पर जरूर विचार किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जब भी लागू होगा आपको सूची दे दी जाएगी।
आपको यह भी बता दें कि बंगाल में होने वाले चुनाव को मद्देनजर रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल पहुंचे थे. वहीं अपने बंगाल दौरे के दौरान उन्होंने खुदीराम बोस के परिवार जनों से मुलाकात की और कोलकाता स्थित रामकृष्ण परमहंस आश्रम पहुंचकर स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी।