देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुहरम जुलूस निकालने की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया हैं. जगन्नाथ यात्रा की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुहर्म जुलूस निकालने के लिए अनुमित देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया हैं. कोर्ट ने कहा कि वो ऐसा कोई भी आदेश नहीं देगा जो बड़ी तादात में लोगों के स्वास्थ्य को ख’तरे में डाले.
इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाने के लिए कहा हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुमति देने से अराजकता हो सकती हैं, इसके साथ ही कोरोना वायरस को तीसरे चरण में फ़ैलाने के लिए एक समुदाय को निशाना बनाया जा सकता हैं.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम देश भर में मुहर्रम पर जुलूस निकालने की इजाजत देते हैं तो इससे अराजकता फ़ैल सकती हैं और इसके चलते एक समुदाय को देश भर में कोविड-19 महा’मारी के तेजी से प्रसार करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के सैयद कल्बे जवाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह टिप्पणी की हैं. याचिकाकर्ता शनिवार और रविवार को देश भर में मुहर्रम जुलूस निकालने की इजाजत चाहते थे.
Supreme Court today declined to pass orders on a petition seeking permission to take out mourning processions; says it will not pass orders that could risk the health of so many people. pic.twitter.com/lLNdFDfEFb
— ANI (@ANI) August 27, 2020
इसके लिए जवाद ने अपनी याचिका में रथ यात्रा फेस्टिवल की अनुमति सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये जाने का हवाला भी दिया. जिस पर सीजेआई ने कहा कि आप पुरी जगन्नाथ यात्रा का हवाला दे रहे हैं? यह यात्रा एक जगह पर और एक ही रुत पर तय थी. उस मामले में हमने खत’रे का आकलन करने के बाद आदेश दिये थे.
लेकिन इस केस में दिक्कत यह हैं कि आप देशभर के लिए अनुमति देने का आदेश मांग रहे हैं. इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि हम सभी लोगों के स्वास्थ्य को खत’रे में नहीं डाल सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर आपने किसी एक जगह के लिए इजाजत मांगी होती तो हम उसे लेकर खत’रे का आकलन कर सकते थे लेकिन पुरे देश में अनुमति नहीं दी जा सकती हैं. कोर्ट ने देशभर में इजाजत देने की कठनाई के बारे में बताते हुए कहा कि इस याचिका के पक्ष में राज्य सरकारें भी नहीं हैं.
साभार- लाइव हिंदुस्तान