नई दिल्ली: देशभर में किसान आंदोलन (Farmers Protest) को चलते हुए 14 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं जहां किसान (Farmers) अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं वहीं सरकार भी अपनी जिद पर अड़ी हुई है। किसान आंदोलन के दौरान किसान सिर्फ अपनी मांगों को लेकर ही आंदोलन नहीं कर रहे थे बल्कि वहां उनका विरोध कई और चीजों के लिए भी देखने को मिल रहा है।
किसान आंदोलन के दौरान देशभर के किसानों ने गोदी मीडिया का भी बहिष्कार कर रहे है। किसान आंदोलन को कवर करने पहुंचे आज तक और इंडिया न्यूज के पत्रकारों को किसानों ने भगा दिया था और अब किसानों ने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है जिसमें वह अडानी और अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार करने लगे हैं।
अडानी और अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार
आपको बता दें कि इस समय देश भर के किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं जिसमें उनकी मांग है कि सरकार इन तीनों काले कानूनों को वापस ले। क्योंकि यह सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं उनके हित में इन कानूनों से कुछ नहीं होने वाला।
वहीं सरकार लगातार किसानों को कृषि कानूनों के फायदे गिना रही है लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं उनका कहना है कि जब तक सरकार इनको वापस नहीं ले लेगी वह सड़क से नहीं हटेंगे और अब तो उन्होंने उद्योगपतियों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
Boycott Adani Ambani और Boycott Jio Mart हो रहा है ट्रेंड
अडानी और अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार
आज Twitter पर ट्रेंड हो रहा है बायकॉट अडानी-अम्बानी और , बायकॉट जिओ मार्ट. देखना यह है कि इसके बाद क्या देश के नागरिक किसानों के समर्थन में अडानी और अंबानी के बनाये हुए इन उत्पादों का बहिष्कार करेंगे या नहीं.
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने अब देश के उद्योगपति अंबानी और अडानी के उत्पादों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। बता दें कि अंबानी और अडानी का कारोबार कई सेक्टर्स में फैला हुआ है जिसमें पेट्रोल, बिजली, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसे बड़े उद्योग शामिल हैं।
इसके अलावा भी अडानी समूह में अडानी पावर लिमिटेड, अडानी गैस लिमिटेड शामिल है। वहीं अंबानी के रिलायंस ग्रुप में पेट्रोल, गैस, रिटेल स्टोर, ज्वेलरी खाद्य उत्पाद तथा अन्य कई प्रकार की सेवाएं शामिल हैं।
ऐसे में अब किसानों ने अंबानी और अडानी के उत्पादों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है हालांकि यह देखना होगा कि किसानों के इस विरोध से अंबानी और अडानी के उत्पादों की बिक्री पर कितना फर्क पड़ता है और किसानों का अंबानी और अडानी के विरोध का आह्वान देश में किस हद तक सफल होता है।