सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके द्वारा हाल ही में ट्वीट किये गए अपने शो के प्रोमो वीडियो को लेकर देश भर में चल रहे घमासान के बीच एक बड़ी खबर सामने आई हैं. लाइव लॉ की खबर के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन टीवी के इस विवादित शो पर रोक लगा दी हैं. बताया जा रहा है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने सुरेश और सुदर्शन न्यूज़ के खिलाफ एक याचिका दायर की थी इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला सुनाया हैं.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सिविल सर्विसेज में कथित रूप से मुस्लिमों की घुसपैठ को लेकर सुदर्शन न्यूज चैनल के ट्रेलर के प्रसारण पर रोक लगाई हैं. इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए जस्टिस नवीन चावला की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया है.
बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ताओं ने सुदर्शन न्यूज पर आज शाम 8 बजे बिंदास बोल नामक कार्यक्रम के प्रस्तावित प्रसारण को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. इस शो में कथित तौर पर जामिया मिल्लिया विश्विद्यालय और इसके पूर्व छात्रों के साथ मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत का जहर फ़ैलाने वाली सामग्री शामिल हैं.
Delhi High Court issues notice in petition against @SudarshanTVnews ‘s show on muslim clearing the UPSC examinations.
Delhi HC stays the telecast of the show as in interim measure. #BindasBol #SudarshanNews pic.twitter.com/ayDG5qGbrm
— Bar & Bench (@barandbench) August 28, 2020
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि उनके द्वारा एंकर सुरेश चव्हाणके के शो का प्रोमो वीडियो देखा गया हैं जिसमें वो जामिया मिल्लिया और मुस्लिम समुदाय के छात्रों पर अभद्र भाषा में आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं.
वीडियो में एंकर द्वारा दावा किया जा गया है कि यूपीएससी 2020 में जामिया के छात्रों की सफलता मुसलमानों के सिविल सेवा में घुसपै’ठ करने की साजिश का हिस्सा हैं.
#सावधान
लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश.देश को झकझोर देने वाली इस सीरीज़ का लगातार प्रसारण प्रतिदिन. शुक्रवार 28 अगस्त रात 8 बजे से सिर्फ सुदर्शन न्यूज़ पर.@narendramodi @RSSorg pic.twitter.com/B103VYjlmt
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 25, 2020
याचिका में आरोप लगाया गया हैं कि चव्हाणके ने खुले तौर पर गैर-मुस्लिम समुदायों को उकसाया हैं कि जामिया के जि’हादी या आतं’कवादी जल्द ही आपके शहर में कलेक्टर और बड़े-बड़े विभागों में सचिव जैसे शक्तिशाली पदों पर बैठे होगें.
याचिका में बताया गया हैं कि ट्रेलर के साथ प्रस्तावित कार्यक्रम का प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के जरिए निर्धारित प्रोग्राम कोड का सीधे उल्लंघन हैं, प्रस्तावित प्रसारण और ट्रेलर में अ’भद्र भाषा के साथ अपरा’धिक मानहानि भी होती है और यह आईपीसी की धारा 153A (1), 153B (1), 295A और 499 के तहत अपराध की श्रेणी में आता हैं.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अगर इसके प्रस्तावित प्रसारण को नहीं रोका जाता हैं तो याचिकाकर्ताओं और जामिया के पूर्व छात्रों और 2020 में परीक्षा पास करने वाले छात्रों और मुस्लिम समुदाय को ख’तरे में डालेगा, जिसमें हिं’सा और लिं’चिंग की आशंका भी शामिल है.
साभार- लाइव लॉ