नई दिल्ली: सदियों से विवाद का केंद्र रहे अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद शीर्षक को लेकर चल रहे मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक चली सुनवाई के बाद बीते 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था। लेकिन 9 नवंबर को सुबह करीब 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले कई चैनलों ने इस मामलो को लेकर बेहद भड़काऊ चर्चा शुरु कर दी थी।
भारतीय चैनलों के इस रवैये को देखते हुए नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने सभी चैनलों को ‘एहतियात’ बरतने की सलाह दी है। साथ ही नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने इस संबंध में सभी टीवी न्यूज़ चैनलों को एक एडवाइज़री भी जारी की थी।
एनबीएसए की और से जारी एडवाइजरी का आजतक ने पालन नहीं किया
एनबीएसए की और से जारी दो पन्नों की एडवाइजरी में कहा गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाने से पहले ऐसी कोई ब्रॉडकास्टिंग नहीं होनी चाहिए जिसमें मौजूदा कार्यवाही को लेकर किसी तरह की अटकलें जारी हों। लेकिन आजतक ने एडवाइजरी का पालन नहीं किया। जिसको लेकर गोखले ने एनबीएसए से चैनल के खिलाफ शिकायत की गई थी।
वही सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) की शिकायत के बाद नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले से पहले अपने कवरेज के दौरान सां’प्रदा’यिक रूप से विभाजनकारी और भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने के लिए समाचार चैनल आज तक को फटकार लगाई है।

द.वायर की रिपोर्ट के अनुसार चैनल पर रोहित सरदाना के एक शो में स्वामी करपात्री नाम के एक पैनलिस्ट ने कहा था, 18 नवंबर रामजन्मभूमि के निर्माण की शुरुआत हो जाएगी, निर्णय निस्संदेह हमारे पक्ष में होगा। लेकिन यह एनबीएसए द्वारा जारी विशेष एडवाइजरी का उल्लंघन था।
जिसमें अयोध्या मामले के संबंध में बहस करते हुए समाचार चैनलों को दिशानिर्देश जारी किए गए थे। लेकिन न्यूज़ चैनल आजतक ने दिशानिर्देश का पालन नहीं किया
जन्मभूमि हमारी, राम हमारे, मस्जिद वाले कहां से पधारे?
एनबीएसए ने अब आज तक को यूट्यूब से विवादास्पद कार्यक्रम को हटाने और सात दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. एनबीएस ने यह भी कहा कि प्रसारणकर्ता चैनल पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम की सामग्री के संबंध में प्रसारण मानकों और दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार होंगे।
देखिये #DeshTak आज शाम 7 बजे! pic.twitter.com/pmFU2AzF7M
— आज तक (@aajtak) October 15, 2019
आपको बता दें आजतक ने अयोध्या मामले की अंतिम सुनवाई से एक दिन पहले 15 अक्टूबर को एक भड़काऊ ट्वीट भी पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, जन्मभूमि हमारी, राम हमारे, मस्जिद वाले कहां से पधारे?
वही जब सीजेपी ने आपत्ति जताई कि कैप्शन में कहीं भी ये ‘डिस्क्लेमर’ नहीं है कि यह न्यूज चैनल का विचार नहीं है, इस पर आज तक ने कहा, यह कैप्शन ‘कोर्ट में अयोध्या वि’वाद की सुनवाई के दौरान हुई बहस से लिया गया है।