मथुरा जेल में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बंद डॉ कफील खान एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं. कफील ने जेल से एक बार फिर से देशवासियों के नाम पर पत्र लिखा हैं. उन्होंने अपने पत्र में योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि यूपी सरकार का कहना है कि अगर मुझे रिहा किया जाता हैं तो देश की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती हैं. कफील ने कहा कि मैं कोई अपराधी नहीं हूं, भला मैं क्यों कानून-व्यवस्था बिगाड़ूगा.
उन्होंने कहा कि इसके उलट अगर सरकार मुझे रिहाई देती हैं तो मैं बिहार, असम जैसे राज्यों में उन इलाकों में जाकर जहां लोग बाढ़ से पीड़ित हैं और कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं उनकी मदद ही करूंगा और एक डॉ. के रूप में एक कोरोना वारियर की तरह काम करूंगा.
अपने पत्र में डॉ कफील आगे लिखते हैं कि मैंने अब तक हज़ारों बच्चों की जा’न बचाई है, मेरी कोशिश हमेशा से दूसरों की मदद करना होता हैं लेकिन इसके बदले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने राजहठ के चलते मुझे मेरे ही बच्चों से दूर कर दिया हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि मैं मेरे बच्चों, मेरी पत्नी, मेरे परिवार और मेरी मां के साथ रहना चाहता हूं. जेल में मेरे साथ बहुत ही बुरा और अप’राधियों जैसा व्यवहार किया जाता हैं. जेल में मैं ना तो खा पाता हूं और ना ही सो पाता हूं, क्या बच्चों को बचाने का यही इनाम मिलता हैं?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के डॉ. कफील खान को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भ’ड़का’ऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया हैं. उन्हें इसी साल 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ द्वारा मुंबई से गिरसत में लिया गया था.
इसके बाद उन्हें मथुरा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. हालांकि उन्हें इस मामले में हाईकोर्ट से बेल मिल गई थी लेकिन रिहाई से पहले ही सरकार ने उन पर CAA के विरोध प्रदर्शन को लेकर दिए गए ब्यान को ही आधार बनाते हुए NSA लगा दिया.
बच्चों की जान बचाने के लिए मैंने मेरी ज़िंदगी लगा दी और सरकार के राजहठ ने मुझे मेरे ही बच्चों से दूर कर दिया।
सरकार का कहना है कि मेरे बाहर आने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, मैं कोई अपराधी नहीं हूं।
A Heart wrenching letter of #drkafeelkhan
😰😰#ReleaseDrKafeelkhan
Plsss🙏🙏 pic.twitter.com/MuOwwbFLsf— Sumra (@Sumra_tweets) August 26, 2020
सोशल मीडिया पर यह पत्र सामने आने के बाद लोग कफील के दुःख और तकलीफ को महसूस करते हुए उनकी रिहाई की मांग तेजी से उठाने लगे हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें सपोर्ट करते हुए कई ट्रेंड चलाए जाते हैं. लेकिन सरकार और कोर्ट इस मामले में सिर्फ तारीख पर तारीख दिये जा रहे हैं. 24 अगस्त को डॉ कफील की सुनवाई होना था लेकिन अब इसे बढ़ा कर 27 अगस्त कर दिया गया.