बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीख करीब आ चुकी हैं ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने में लगे हुए है. वहीं सुशांत सिंह राजपूत के मामले से अपने लिए राजनीतिक राह बनाने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को भी नीतीश कुमार की पार्टी से टिकट की बड़ी आस दी लेकिन अब उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. इस सीट से पांडेय की टिकट लेना चाहते थे वो किसी और को दे दी गई है.
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने वॉलंटरी रिटायरमेंट लेकर राजनीतिक गलियारों में दस्तक दी थी. इस दौरान उन्होंने बयान दिया था कि वो विधानसभा चुनाव लड़ने वाले है, इसके लिए उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी.
लेकिन जेडीयू की तरफ से हाल ही में जारी की गई प्रत्याशियों की सूचि में गुप्तेश्वर पांडेय का नाम शामिल नहीं हैं जिसके चलते बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चर्चा का केंद्र गुप्तेश्वर पांडे ही बने हुए हैं.
वहीं सोशल मीडिया पर पांडे को टिकट नहीं मिलने के चलते काफी मजाक बनाया जा रहा है. वहीं बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का जेडीयू से टिकट ना मिलने के बाद पहली बार बयान सामने आया है.
इससे पहले पांडे ने जनता दल यूनाइटेड ज्वाइन करने के बाद कहा था कि वो बक्सर से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और इसे लेकर उनकी नीतीश कुमार से बातचीत भी हो गई हैं. लेकिन टिकट ना मिलने के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने एक पोस्ट करके अपना दर्द बयां किया है.
अपने फेसबुक पोस्ट के द्वारा गुप्तेश्वर पांडे ने अपने समर्थकों को दिये एक संदेश में लिखा कि मेरे कई शुभचिंतक मुझे फोन कर रहे हैं और परेशान हैं. मैं उनकी परेशानी को अच्छी तरह से समझ रहा हूं लेकिन किसी कारण वश में इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. मैं अगली बार चुनाव लडूंगा.
— Gupteshwar Pandey (@ips_gupteshwar) September 27, 2020
इसी के साथ कयास लगाए जा रहे थे कि पांडे को बिहार में एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही थी लेकिन वहां से भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान हो गया है. वहीं जिस बक्सर सीट से पांडे चुनाव लड़ने के लिए दावा ठोक रहे थे वो गठबंधन के तहत बीजेपी के कोटे में चली गई है.
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