सितंबर में भारत सरकार द्वारा पारित किए गए तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर सैकड़ों किसान देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान आंदोलन को चलते हुए आज 16 दिन से ज्यादा हो चुके हैं देश के कई बड़े नाम जहां किसानों को समर्थन देते दिखे वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने आंदोलन को लेकर किसानों पर ही तीखे हम’ले किए यहां तक कि किसान आंदोलन कर रहे किसानों को ही खालिस्तानी करार दे डाला।
लेकिन अब ऐसे लोगों को एनडीटीवी के मशहूर पत्रकार रवीश कुमार का जवाब आया है जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। NDTV के वरिस्ट रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने किसानों को समर्थन देते हुए लिखा कि इन लोगों ने हमेशा आ’तंकवा’द से लोहा लिया है जिन लोगों को खालिस्तानी कहा जा रहा है वही खालिस्तानीओं का विरोध करते हुए शहीद हो गए।
जिस तरह से पंजाब के किसानों और किसान यूनियन पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं इससे पहले उनके गौरवशाली इतिहास को जान लेना चाहिए। रवीश ने आगे कहा कि “2014 के बाद से ही यह मान लिया गया है कि देश में अब जनता नहीं है वह जनता होने के टाइम में हिंदू होती है। गोदी मीडिया द्वारा उसे हिंदू बनाया जाता है और जनता हिंदू हो जाती है।
जो लोग हिंदू नहीं बनते हैं उन्हें किसी के सामने मुसलमान बना दिया जाता है जो मुसलमान होते हैं फिर उन्हें पाकिस्तानी कहा जाता है। इसके बाद हर विरोध को मुसलमान और पाकिस्तानी बना दिया जाता है। जनता हिंदू बन जाती है। जनता जनता नहीं रहती। जनता के एक बहुत बड़े वर्ग के सामने हिंदू होने का कनात टां’ग दिया गया है।
कनात के बाहर वह कुछ भी होने का दृश्य नहीं देखना चाहती । अपने कनात में ही खुश रहना चाहती है और हर किसी को ऐसे ही चश्मे से देखने लगी है. जनता के गुणसू’त्र और जनधर्म को बदलकर सहमतिओं का दायरा तो इतना बड़ा कर ही लिया गया है कि किसान को आ#तंकवा’दी कहा जा सकता है।
किसी भी लेखक को पाकिस्तानी कहा जा सकता है पाकिस्तानी आ’तंकवा#दी न’स्लवा’दी यह तीनों ही मुसलमान के लिए प्रयुक्त होने वाले पर्यायवाची हैं। आईटी सेल, गोदी मीडिया के अखबार और चैनलों ने मिलकर इस देश की जनता के दिमाग में एक नया यथार्थ लोक बना दिया है। जिसका सामने के यथार्थ से कोई नाता नहीं है।
यथार्थ रूप में जनता की ही जरूरत नहीं है वहां जरूरी होने के लिए पहली शर्त यही है कि जनता होना छोड़ दें। इसके साथ ही पत्रकार रवीश कुमार ने नीति आयोग के कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के एक बयान पर भी तीखा हम’ला बोला है।
उन्होंने कहा था कि भारत में कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है जिस पर अब रवीश ने कहा कि उनके लिए लोकतंत्र नमक हो गया है इसका ज्यादा होना ठीक नहीं है, तानाशाही मिठाई है ज्यादा हो जाए तो कोई बात नहीं यह अहंका’री होने का स्व’र्ण युग है।
बता दें कि रवीश कुमार की यह टिप्पणी अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है जिसे लोग खूब शेयर कर रहे हैं आपको बता दें कि इससे पहले भी कई पत्रकार किसान आंदोलन पर अपनी बात रख चुके हैं।