उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री ने सारे समीकरण ही बदल दिए है. राहुल गांधी के नेतृत्व वाली जिस कांग्रेस को यूपी में ना के बराबर अंका जा रहा था उसे प्रियंका की एंट्री ने टक्कर में ला कर खड़ा कर दिया है. प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाते हुए उन्हें कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाया गया है. प्रियंका की एंट्री को कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश में हुए सपा और बसपा के गठबंधन के सुर भी अब बदलने लगे है.
अब यूपी के इस गठबन्धन को लेकर एक नया ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि सपा और बसपा अपने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने पर विचार कर रहा है. दरअसल प्रियंका की सक्रिय राजनीति में आने के बाद हुए सभी सर्वे सपा-बसपा के गठबंधन को भारी नुकसान बता रही थी.

यही वजह है कि इस गठबंधन की चिंता बढ़ गई है. वहीं सर्वें की मानी तो प्रियंका के आने से गठबंधन के नुकसान के साथ साथ बीजेपी को फायदा होने के असार है. जिसके चलते वह अब कांग्रेस को भी गठबंधन में शमिल करने पर सपा बसपा पुनर्विचार कर रहा है. बताया जा रहा है कि सपा-बसपा ने कांग्रेस को 14 सीटों का ऑफर भी दे दिया है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी को सपा-बसपा से कम से कम 30 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. आपको बता दें कि बसपा अध्यक्ष मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 12 जनवरी को आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए गठबंधन का ऐलान किया था.

सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी जबकि दो सीटें गठबंधन की अन्य पार्टियों और अमेठी-रायबरेली सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई थी. कांग्रेस को दो सीट छोड़ने के बाद सपा-बसपा ने साफ कर दिया था कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन नही करेंगे.