दिल्ली: (Farmers Protests) देशभर के किसान इस वक़्त सरकार द्वारा बनाये किसानों के लिए तीन नए कानूनों के खिलाफ आन्दोलन कर रहे हैं. इस किसान आंदोलन में कई राज्यों के किसान शामिल हैं, जबकि पंजाब और हरयाणा के किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करते हुए तकरीबन 15 दिनो का समय बीत चुका है.
हालाँकि पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश के किसान भी दिल्ली किसान आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार और इन किसान संगठनों के बीच यह विवा’द अभी फिलहाल के लिए तो ख़तम होता नहीं दिख रहा. इधर कुछ मीडिया वाले भी किसानों के खिलाफ़ माहौल बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
पंजाब DIG-जेल ने किसानों के समर्थन में अपने पड़ से इस्तीफा दिया
किसान आन्दोलन (Farmers Protests) के बीच, पंजाब के डीआईजी-जेल श्री लखविंदर सिंह जाखड़ के बारे में खबर आ रही है कि बीते शनिवार को उन्होंने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि मैं अब अपने देश के अन्नदाता के साथ हूं.
पंजाब के डीआईजी (लखविंदर सिंह जाखड़) का ज़मीर जागा और उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया
लखविंदर सिंह जाखड़ ने कहा, अब बहुत हो चुका और मुझे लगता है कि इस इस्तीफे को देने में मैंने बहुत देर कर दी. मैंने अपनी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं, तो इसको स्वीकार करने में किसी तरह की दिक्कत भी नहीं होगी. आपको बता दें कि पंजाब के जेल-डीआईजी ‘लखविंदर सिंह जाखड़’ की उम्र 56 वर्ष है.
यहां पर मीडिया के हवाले से एक बात और सामने आ रही है, जाखड़ को इसी साल घू’सखोरी के आरोपों के बाद सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन फिर 2 महीनों के बाद ही किसी वजह से, इनको अपने काम पर वापस बुला लिया गया था. वह क्या वजह थी, इस बात की जानकारी फिलहाल नहीं है.
पंजाब के डीआईजी-जेल ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि, मैं एक पुलिस अफसर बाद में हूं, पहले मैं एक किसान हूं और आज मेरे पास यह पद या फिर जो कुछ और वह मेरे किसान पिता ने अपने खेतों में मेहनत से काम किया और मुझे पढ़ाया लिखाया जिसकी वजह से आज मुझे यह सब मिला है.
यह पुलिस अफसरी मुझे इसीलिए मिली, के मेरे किसान पिता ने खेतों में अपना पसीना बहाया. आज जब मेरे पंजाब और हरियाणा के किसान अपने हक़ के लिए आन्दोलन कर रहे हैं तो ऐसे में, मैं पीछे कैसे रह सकता हूं.
आपको बता दें कि सोशल मीडिया के ज़रिये बीते दिनों एक मुहिम भी चली थी, जिसके तहत देशभर के किसानों ने जिओमार्ट और जिओ टेलिकॉम कंपनी समेत अम्बानी-अडानी के उत्पादों का बहिष्कार करने आह्वान किया था, जिसके चलते 12 घंटे में ही जिओ की 15 लाख से भी ज़्यादा सिम पोर्ट के लिए रिक्वेस्ट डाली जा चुकी थी.
देशभर के लोग जो किसानों का समर्थन कर रहे हैं, उन लोगों ने भी सोशल मीडिया पर किसान आन्दोलन का पुरजोर समर्थन किया हुआ है. अब देखना यह है कि मोदी सरकार इस देश के किसानों की बात मानते हुए यह तीनों किसान विरोधी कानून वापिस लेती है या नहीं.