नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में हुए गोधरा कां’ड के बाद सरदारपुरा में भड़के दं’गों में 14 दो’षियों को मंगलवार को जमानत दे दी है। बता दें सरदारपुरा इस घटना के दौरान 33 मुस्लिमों को जिं’दा ज’ला दिया गया था। बार एंड बेंच के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा किए गए 14 दो’षियों को समाज सेवा करने के लिए कहा है और गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया है।
बता दें न्यायालय ने उन्हें मध्य प्रदेश जाने और सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने दो’षियों को दो समूहों में बांटा और कहा कि एक समूह मध्यप्रदेश के इंदौर में शहर में रहेगा। तो वही दोषियों का दूसरे समूह को मध्य प्रदेश के ही जबलपुर जाना होगा।
गुजरात के इतिहास के सबसे भया’नक सां’प्रदायिक दं’गे
इस मामले पर शर्तें निर्धा’रित करते हुए अदालत ने यह भी कहा कि दो’षियों को प्रत्येक हफ्ते छह घंटे की सामुदायिक सेवा करनी होगी। इसके अलावा उन्हें हर हफ्ते स्थानीय थाने में पेश होना पड़ेगा। आपको बता दें इन सभी दो’षियों को गुजरात न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। दो’षियों ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी थी।
वही इस फैसले पर गुजरात दं’गों को करीब से कवर करने वाली वरिष्ठ पत्रकार राणा अयूब ने ट्वीट कर कहा है कि, अगर 2002 के मास्टरमा’इंड देश का नेतृत्व कर सकते हैं, तो इसपर आश्चर्यचकित होने वाली क्या बात है?
If the masterminds of 2002 are leading the country, why should this surprise us ? https://t.co/A6HBuoLKXs
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) January 28, 2020
बता दें, गुजरात के गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच को ज’ला दिया था, जिसमें 59 लोग जिं’दा ज’ल गए थे. जिसमे म’रने वालों में ज़्यादातर कारसेव’क थे जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या से लौट रहे थे।
इसके बाद गुजरात के इतिहास के सबसे भयानक सां’प्रदायि’क दं’गे हुए जिनमें करीब एक हजार लोग मा’रे गए थे. म’रने वालों में ज्यादातर लोग मुस्लि’म थे वही ट्रेन में आ’गज’नी की घ’टना के बाद गुजरात भर में फैला दं’गा करीब तीन महीने तक चलते रहे थे।
वही इन्हीं में से एक मामला गोधरा ट्रेन न’रसंहा’र के अगले दिन 28 फरवरी, 2002 की रात को महसाना जिले के वीजापुर तहसील की सरदारपुरा गांव में हुआ था जिसमें मुस्लि’म समुदाय के 33 लोगों को जिं’दा ज’ला दिया गया था।
आपको बता दें कि इससे पहले भी गुजरात उच्च न्यायालय ने गोधरा के सरदारपुरा दं’गों में 14 को बरी किया था और 17 को दोषी ठहराया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पटल दिया।