नई दिल्लीः नवंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस ने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया और इसी महामा’री के बीच साल 2020 लॉकडाउन, कर्फ्यू जैसी स्थितियों के बीच से होकर गुजर गया इस महामारी को चलते हुए साल भर से ज्यादा का समय हो चुका है ऐसे में अब सभी को इंतजार है कि जल्द से जल्द कोरोना का कोई कारगर टीका आए जिससे कि इस महामा’री से निजात पाया जा सके।
लेकिन अब लोगों को इंतजार है कि कोरोना की कोई वैक्सीन आए जिससे कि जल्द से जल्द उसी तरह की जिंदगी में लौट सकें जिसे सालों पहले पीछे छोड़ आए हैं। इस वक्त दुनियाभर के देश कोरोना महामा’री की वैक्सीन की खोज में लगे हैं अमेरिका,रूस, चीन, इंग्लैंड जैसे देशों के वैज्ञानिकों ने कुछ वैक्सीन बनाए हैं जिनमें से कोई 70% तक काम करता है बहुएं कोई 90 से 95% तक।
हाल ही में भारत में भी कोरोना के टीके को मंजूरी दी गई है। ड्र’ग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गए ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 के टीके ‘कोविशिल्ड’ तथा भारत द्वारा निर्मित टीके कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
ड्र’ग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वी. जी. सोमानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि“ दोनों कंपनियों ने ट्रायल रन के आंकड़े जमा कर दिए हैं और दोनों को सीमित उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है।
वैक्सीन की मंजूरी मिलने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को बधाई दी । पीएम मोदी ने वैक्सीन को मंजूरी मिलने को कोरोना महामारी की लड़ाई में निर्णायक मोड़ बताया।
लेकिन इस सब के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जब दुनिया कोरोना के टीके को लेकर खुश है तभी कोविड-19 के टीके ने एक डॉक्टर को आईसीयू तक पहुंचा दिया।
Covid -19 के टीके से बिगड़ी हालत
जब पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोविड -19 की वैक्सीन की खोज में लगे हैं तभी मेक्सिको में कोविड-19 के टीके से एक महिला डॉक्टर की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।
बता दें कि मेक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय ने महिला डॉक्टर की तबीयत बिगड़ने की जानकारी दी जिसमें कहा गया कि मेक्सिको में 32 वर्षीय एक महिला डॉक्टर को फाइजर कंपनी द्वारा निर्मित कोविड-19 का टीका लगाया गया था।
लेकिन वैक्सीन लगाने के आधे घंटे बाद ही महिला डॉक्टर की तबीयत बिगड़ने लगी। महिला डॉक्टर के शरीर में ऐंठन, सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्या शुरू हो गई। इसके बाद महिला डॉक्टर को तुरंत आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। अब महिला डॉक्टर के जांच में इंसेफैलोमाईलिटिस आया है।
बता दें कि इससे पहले फाइजर कंपनी द्वारा निर्मित कोविड-19 के टीके की वजह से लोगों की तबीयत खराब हो चुकी है।
अमेरिका के कैलिफोर्निया में मैथ्यू डब्लू नाम के स्वास्थ्य कर्मी ने फाइजर कंपनी द्वारा निर्मित कोविड-19 की वैक्सीन लगवाई थी। लेकिन एक हफ्ते बाद ही स्वास्थ्य कर्मी दोबारा कोरोना पॉजिटिव हो गया। और अब एक बार फिर से फाइजर कंपनी द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन से महिला डॉक्टर की तबियत बिगड़ गई है।
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से मेक्सिको में अब तक 1.26 लाख से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं और अब वैक्सीन के इस्तेमाल से सामने आ रहे हैं परिणाम चिंता को और बढ़ा रहे हैं।