टीआरपी स्कैम में दोषी पाए गए चैनल रिपब्लिक टीवी के editor-in-chief अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने अब हाई कोर्ट (high court) से जांच बंद करने की अर्जी लगाई है। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ का कहना है। कि उनके कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पुलिस उनके साथ बदसलूकी कर रही है जिसकी वजह से उन्होंने जांच बंद करने के लिए हाईकोर्ट से अर्जी लगाई है।
बता दें कि फर्जी टीआरपी घोटाला पिछले महीने सामने आया था मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह (Paramveer Singh) ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी के साथ दो और टीवी चैनल बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी टीआरपी के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे जिसके बाद रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्नब गोस्वामी के साथ 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था और अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया था।
मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को परेशान कर रही हैं: अर्णब
हालांकि रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी स्कैम में शामिल नहीं होने की बात कही थी। लेकिन अब फिर से रिपब्लिक टीवी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी का कहना है कि मुंबई पुलिस द्वारा उनके कर्मचारियों को हिरासत में लेकर उनके साथ बदसलूकी का व्यवहार किया जा रहा है।
और यही नहीं उन्होंने मुंबई पुलिस पर आरोप भी लगाया है. कि उनके एक असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट घनश्याम सिंह को हिरासत में लेकर प्रताड़ित भी किया गया है। अर्नब का कहना है कि मुंबई पुलिस अपने अधिकारों की आड़ में हमारे कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है इसलिए इस जांच को बंद कर देना चाहिए।
क्योंकि हम पर लगाए गए सारे आरोप निराधा’र हैं, जांच की सहायता से मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को परेशान कर रही हैं। इसके साथ ही रिपब्लिक टीवी ने इस जांच को सीबीआई को हैंड ओवर करने की भी मांग की है रिपब्लिक टीवी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पुलिस अपने पहले से निर्धारित तरीके से ही काम कर रही है।
ऐसे में इस जांच को सीबीआई को हैंड ओवर कर देना चाहिए जिससे कि सच्चाई सभी के सामने आ सके क्योंकि पुलिस गवाहों से झूठे बयान दिलवा रही है।